होली की धूम मची सारी नगरी (गीत) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु24-Mar-2024
होली गीत-2 होली की धूम मची सारी नगरी
होली की धूम मची सारी नगरी, होली खेलें ले नर- नारी सगरी। मथुरा में खेलें, वृंदावन में खेले , झूम-झूम खेलें ले बरसाने व्रज री। होली की धूम मची सारी नगरी——
फागुन महीना में रंग उड़त हैं, राधा -कृष्ण भक्ति में लोग झूमत हैं। देश-विदेश से लोग पहुंँचते, होली खेलन का इनका अंदाज अलग री। होली की धूम मची सारी नगरी——
कहुंँ -कहुंँ फूल की होली खेली जाए, रंग- गुलाल से धरा रंग जाए। लड्डू को फेंक- फेंक खेलें कहीं पर, छटा यहांँ की है गजबे ही प्यारी । होली की धूम मची सारी नगरी——
लठमार होली लोगों के मन भावे, लाठी की मार जिया हरसावे। हुरिया जनों को लट्ठ ले के पीटें, वृंदावन ,बरसाने की हुरियाइन सभी री। होली की धूम मची सारी नगरी———
बढ़- चढ़के लोग इस होली को खेलें, ढाल को रखकर लट्ठ को ले लें। हुरियारिनों से हुरिया हैं सब बचते , गीत-संगीत की घुल जाए रस री । होली की धूम मची सारी नगरी———
साधना शाही,वाराणसी
राजीव भारती
24-Mar-2024 07:28 PM
जी अत्यंत ही सुंदर प्रस्तुति।
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RISHITA
24-Mar-2024 06:25 PM
👍👍
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HARSHADA GOSAVI
24-Mar-2024 06:03 PM
👌👌👌👌
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